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निर्भया के दोषियों को सात साल बाद आज सुबह 5.30 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी गई। पूरी खबर ।

आखिरकार सत्य की विजय हुई निर्भया के दोषियों को सात साल बाद आज सुबह 5.30 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी गई


7 साल 3 महीने 4 दिन से कानूनी प्रक्रिया के बाद अतः वकील  सीमा समृद्धि कुशवाहा की मेहनत रंग लाई जो की बिना किसी फीस के निर्भया के परिवार के साथ सुप्रीम कोर्ट तक थी   ।



कौन हैं सीमा समृद्धि कुशवाहा



  • सीमा समृद्धि सुप्रीम कोर्ट की वकील हैं और निर्भया ज्योति ट्रस्ट में कानूनी सलाहकार भी हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से शिक्षा हासिल करने वाली सीमा ने 2014 में सुप्रीम कोर्ट में वकालत शुरू की थी। वह 24 जनवरी, 2014 को निर्भया ज्योति ट्रस्ट से जुड़ीं।

  • केस लेने के बाद से ही वे निर्भया के माता-पिता के साथ अंत तक चट्टान की तरह खड़ी रहीं।

  • आईएएस अधिकारी बनना चाहती थीं इसके लिए तैयारी भी कर रही थीं ।

  • मूल रूप से  उत्तर प्रदेश के इटावा की रहने वाली हैं सीमा ।



 

निर्भया के चारों दोषियों मुकेश सिंह, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर को सुबह ठीक 5.30 बजे फांसी पर लटका दिया गया। निचली अदालत से सुप्रीम कोर्ट तक फांसी रुकवाने की सभी चालें नाकाम होने के बावजूद निर्भया के दरिंदे मौत से बचने के लिए आखिरी पल तक तिकड़म में लगे रहे। देर रात हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के पर गुनहगारों के वकील रात डेढ़ बजे सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार के घर पहुंचे। उनकी याचिका पर रात ढाई बजे सुप्रीम कोर्ट खुला और जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और एएस बोपन्ना की पीठ ने सुनवाई की। करीब 50 मिनट सुनवाई के बाद पीठ ने फांसी पर रोक लगाने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा, याचिका आधारहीन है। निर्भया की मां आशा देवी और पिता बद्रीनाथ सिंह ने आदेश पर खुशी जताते हुए कहा कि दोषियों की फांसी के बाद उनकी बेटी की आत्मा को शांति मिल जाएगी। माँ आशा देवी ने निर्भया के तश्वीर को प्रमाण कर कहा, मैं खुश हूं। मेरी बेटी के साथ हुए अपराध के सात साल बाद मुझे न्याय मिला ।










निर्भया गैंगरेप केस में दोषियों की फांसी टलवाने की सारी कोशिश नाकाम होने के बाद अंतत: आज सुबह 05:30 बजे चारों दोषियों को फाँसी दे दी गयी। फंदे पर लटकाने से पहले जब दोषियों को नहाने और कपड़े बदलने के लिये कहा गया तो दोषी विनय ने कपड़े बदलने से इंकार कर दिया। इसके अलावा उसने रोना शुरू कर दिया और माफी मांगने लगा। दोषियों को फांसी दिये जाने से पहले यहां तिहाड़ जेल के बाहर भीड़ जुटनी शुरू हो गई है. दिल्ली के स्थानीय लोग, कुछ एक्टिविस्ट इस वक्त जेल के बाहर खड़े हैं जो दिन को निर्भया के लिए सच्ची श्रद्धाजंलि बता रहे हैं। निर्भया की मां आशा देवी ने खुशी जाहिर की। निर्भया की मांँ ने कहा कि आज वो खुशी महसूस कर रही हैं क्योंकि उनकी बेटी को आखिरकार इंसाफ मिल गया। इस अपराध से पूरा देश शर्मसार था और आज देश को इंसाफ मिला है। उन्होंने कहा कि आज का सूरज हमारी बच्चियों के नाम होगा। आशा देवी ने कहा कि इस घड़ी के लिये उन्हें पिछले सात वर्षों में काफी संघर्ष करना पड़ा। चारों दोषियों को फांसी दिये जाने के बाद उनके शवों को दीनदयाल अस्पताल पोस्टमार्टम के लिये भेजा जा रहा है। जिसके बाद परिवार वालों से शव के बारे में पूछा जायेगा। अगर परिवार शव नहीं लेता है, तो अंतिम संस्कार जेल नियमों के हिसाब से किया जाता है ।





















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