वन एवं पर्यावरण एवं उर्जा मंत्री डा0 हरक सिंह रावत ने कहा कि अतिशीघ्र मसूरी में वनभूमि का सर्वे पूरा कर दिया जाएगा ताकि मसूरी वासियों को वन टाईम सेटलमेंट योजना का लाभ तत्काल मिल सकें
मसूरी । वन एवं पर्यावरण एवं उर्जा मंत्री डा0 हरक सिंह रावत ने कहा कि अतिशीघ्र मसूरी में वनभूमि का सर्वे पूरा कर दिया जाएगा ताकि मसूरी वासियों को वन टाईम सेटलमेंट योजना का लाभ तत्काल मिल सकें । उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण मसूरी के विधुत लाइनों को अंडरग्राउंड किया जाएगा। उन्होंने ऊर्जा निगम के अधिकारियों को आदेश दिया कि तत्काल इस्टीमेट बनाकर उपलब्ध कराएं । काबीना मंत्री डॉ0 रावत ने प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की खूब तारीफ़ की। उन्होंने कहा कि श्री धामी निरन्तर प्रदेश के विकास के लिए काम कर रहे हैं, वे ऊर्जावान हैं, तथा उन्हें (डॉ0 रावत) बड़े भाई जैसा सम्मान देते हैं। इस अवसर पर मसूरी राज्य के शहीदों और आंदोलनकारियों को भावुक मन से याद कर उत्तराखंड का दिल छू गए काबीना मंत्री डॉ 0 हरक सिंह रावत।
डा0 रावत आज यहाॅ ‘उत्तराखण्ड पर्यटन, तीर्थाटन संरक्षण समिति’ द्वारा आयोजित सेमिनार में शिरकत करने पॅहुचे थे । कार्यक्रम के प्रारम्भ में सीटू के प्रान्तीय अध्यक्ष कामरेड वीरेन्द्र भण्डारी के आकस्मिक निधन पर श्रद्वाॅजलि अर्पित की गई ।
इससे पूर्व ‘उत्तराखण्ड में पर्यटन, तीर्थाटन, पलायन, स्वरोजगार एवं वन कानून’ विषय पर गोष्ठी में वक्ताओं ने अपने विचार रखे । वक्ताओं ने प्रदेश में नए पर्यटन स्थलों व ईको टूरिज्म के विकास के लिए पर्वतीय राज्यों के अनुकूल वन नीति बनाने के लिए वन अधिनियम 1980 में आवश्यक संशोधन करने की माॅग रखी ।
वक्ताओं ने कहा कि वन कानूनों को सरल किए बगैर उत्तराखण्ड में नए पर्यटन स्थलों अथवा ईको टूरिज्म को स्थापित करने की बात निरर्थक है । प्रदेश में पर्वतीय पर्यटन की बुनियादी नीति न होने से स्वरोजगार की अपार संभवानाओं पर्यटन उद्योग व्यवहारिक रूप से उभर नहीं पा रहा है । राज्य बने 21 वर्षों में एक भी नया पर्यटन स्थल विकसित नहीं हो पाया है । आज पर्यटन विभाग का वन विभाग में विलय होने से ही उत्तराखण्ड में नए पर्यटन स्थलों व ईको टूरिज्म को स्थापित किया जा सकता है ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वन एवं पर्यावरण एवं उर्जा मंत्री डा0 हरक सिंह रावत ने कहा कि गोष्ठी में उभरी जन भावनाओं और निष्कर्ष के अनुरूप वे प्रयास करेंगे कि वन नियमों को पर्यावरण संतुलन का ध्यान रखते प्रदेश के अनुकूल सरल बनाया जाय ।
इस अवसर पर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मसूरी नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि मसूरी के संतुलित विकास में भी वन कानून आड़े आ रहे हैं । कहीं पर कोई भी नया विकास कार्य प्रारम्भ करने पर वहाॅ वन विभाग की अड़चन आ जाती है। जबकि पर्यटन एवं प्रकृति एक दूसरे के प्रायःवाची जैसे हैं । अव्यवहारिक वन कानूनों के कारण मसूरी में लोग अपनी ज़मीन में एक छोटा सा घर नहीं बना पा रहे हैं । वन टाईम सेटलमेंट का लाभ नहीं ले पा रहे हैं । वन कानून पहाड़ के अनुकूल न होने के कारण सुनियोजित विकास नहीं हो पा रहा है । ऐसे में उत्तराखण्ड में नया प्राकृतिक, धार्मिक व ईको टूरिज्म प्रारम्भ करने के लिए पहाड़ी प्रदेशों की व्यवहारिक दिक्कतों के हिसाब से पुनः समीक्षा की जानी चाहिए और वन कानूनों को पर्वतीय क्षेत्रों के हिसाब से अनुकूल बनाए जाना चाहिए । जिसके लिए वन अधिनियम 1980 में संशोधन के लिए राज्य सरकार को एक प्रस्ताव बनाकर केन्द्र सरकार को भेजा जाना चाहिए। उन्होंने मंत्री जी से मांग कि मसूरी की समस्त विधुत लाइनों को अंडरग्राउंड कर दिया जाय।
गोष्ठी के मुख्य वक्ता पर्यटन व संस्कृति विशेषज्ञ प्रदीप भण्डारी ने कहा कि उत्तराखण्ड प्राकृतिक संसाधनों का सर्वाधिक सम्पन्न प्रदेश है । पौराणिक काल से ही यहाॅ कदम कदम पर प्राकृतिक एवं आध्यात्मिक तीर्थाटन है । देवभूमि का अहसास मात्र देश दुनिया के लोगों पर जादुई आकर्षण छोड़ता है, लोग यहाॅ आने को आतुर रहते हैं । मगर प्रदेश का 65 प्रतिशत भू-भाग वनाच्छादित है। और उत्तराखण्ड के लिए अव्यवहारिक वन कानूनों ने प्रदेश का पर्यटन विकास रोक दिया है । उन्होंने कहा कि आज आधुनिकीकरण के नाम पर पर्यटन प्रकृतिवादी या धार्मिक न होकर भोग विलासिता का पर्यटन बनता जा रहा है । पर्यटन के नाम पर तमाम तरह के नशे परोसे जा रहे हैं । पहाड़ों पर बढ़ता अंधाधुध वाहनों का बोझ न सिर्फ पहाड़ के शांत एवं प्राकृतिक वातावरण को प्रदूषित कर रहा है बल्कि कुली, डाण्डी और घोड़ा चालकों का रोजगार भी छीन रहा है ।
गूंज संस्था की अध्यक्षा डॉ0 सोनिया आनन्द रावत ने इस अवसर पर कहा कि काबीना मंत्री डॉ0 हरक सिंह रावत कार्य करने में विश्वास करते हैं। मसूरी वासियों ने जो अपेक्षा मा0 मंत्री जी की हैं वह जरूर पूरी होंगी। उन्होंने कहा कि मंत्री जी जरूर मसूरी में श्रम कार्ड बनाने हेतु शिविर लगाएंगे, यह वादा उन्होंने किया है।
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