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Showing posts from March, 2022

Samridhi Mall represented St.Bedes College,Shimla in #National Parliament for women

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    Samridhi Mall represented St.Bedes College, Shimla in a panel discussion with  the MP n Bureaucrats of H.P. in #National Parliament for women .  In her CJM , school days also she was best speaker among all the school in Dehradun.

ग्याल्पो ल्होसार

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 ग्याल्पो ल्होसार हिमाली क्षेत्र आसपासमा माटोहरूलाई खोस्रँदै, चौरी पाल्ने अनि मौसमसँग पौंठे जोरी खेल्ने हिमाली चिसो स्याँठ मा हुर्किएका शेर्पा लगायत अन्य उच्च भू-भागमा बसोबास गर्ने वौद्धमार्गी समुदाय आज ग्याल्पो ल्होसार मनाउँदै छन् । देवकोटाको मुनामदनको कथा देखि सरुभक्तको थाङ्गला सम्म, अनि विभिन्न विदेशी चलचित्रहरु क्याराभान, केहि वर्ष अघि प्रदर्शनमा आएको अङ्ग्रेजी भाषामा नेपालमा छायाङ्कन गरिएको चलचित्र एभरेस्ट जस्ता विश्व प्रसिद्ध चलचित्रहरू हिमाली भूभाग अनि जीवनशैलीका प्रतिरूपहरू हुन् । संसारको शिर भाग अर्थात् हिमाल वरपर हिमशैलको देश नेपालमा आज प्रकृति अनि हिमाल लगायत समग्र मानवता अनि शान्तिको कामना गरिँदै रङ्गीबिरङ्गी झन्डा अनि ध्वजा पताकाहरू अनि तिनमा अङ्कित शान्ति छर्ने मन्त्रहरू हिमालका तिनै चिसो हावाले दिने गतिका साथ फहराउने छन् । ल्हो अर्थात् वर्ष अनि छार अर्थात् नयाँ, यो ग्याल्पो ल्होसारलाई हर्षका साथ स्वागत गरौँ । हुन त यो ग्याल्पो ल्होसार कुनै समुदाय विशेषसँग मात्र सम्बन्धित चाड त हैन, एउटा साझा उत्सर्गको साटासाट हो आज। यस वर्षको ग्याल्पो ल्होसारको सबैलाई शुभकामना दिएर स...

हिमाचली प्रदेश की अत्यंत समृद्ध टांकरी लिपि

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 हिमाचली प्रदेश की टांकरी लिपि हिमाचल प्रदेश में बहुत सारी बोली और भाषा का प्रयोग किया जाता है।भाषाई दृष्टि से हिमाचल प्रदेश अत्यंत समृद्ध राज्य  है।  कभी हिमाचल प्रदेश में टांकरी लिपि प्रयोग की जाती थी। लेकिन पिछले कुछ समय से टांकरी लिपि विलुप्त हो रही है। टांकरी लिपि के बारे में बता दें,.. एक समय यह लिपि अत्यंत समृद्ध थी। बहुत पुराने राजस्व रिकॉर्ड या बहुत पुराने बर्तन, पुराने मंदिर की घंटियों में टांकरी में लिखे शब्द देखे जा सकते हैं। आज हिमाचल के चंबा जिले में चंम्बाली, बिलासपुर में कहलूरी, सिरमौर जिले में सिरमौरी, मंडी जिले में मंडयाली, कांगड़ा और हमीरपुर जिले में कांगड़ी भाषा, किन्नौर जिले में किन्नौरी, लाहौल स्पीति में तिब्बती भाषा बोली जाती है। इसके अलावा यहां पर भाटियाली, चुराही, भरमौरी, मंडयाली, सुकेती, बालडी, पालमपुरी, शिवालिकी,सैगी, छितकुली, भगाटी, गारा, रंगलोई, आदि बहुत सारी बोलियां बोली जाती है। लेकिन वर्तमान में बहुत कम लोग हैं जो टांकरी लिपि लिख पढ़ सकते हैं। टांकरी लिपि कभी उत्तर भारत की कई अन्य भाषाओं को लिखने के लिए प्रयोग की जाने वाली लिपि है। कभी कुल्...