भारत नेपाल के बीच 6 समझौते भारतीय प्रधानमन्त्री मोदी व नेपाल प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउवा के उपस्थिति में


Nepal is special: Indian prime Minister Narendra Modi says in Nepali language, 

"नेपाल आउँदा मलाई कुनै राजनीतिक भ्रमण भन्दा, अलग एउटा छुट्टै आध्यात्मिक अनुभुती हुन्छ।.....भारत र नेपाल बिचको मित्रताले यश मानविय संकल्पलाई पूरा गर्न यसै गरि मिलेर काम गरिरहने कुरामा मलाई पुर्ण विश्वास छ।"


https://fb.watch/d23KQc4eow/ 








बुद्ध पूर्णिमा पर प्रधानमंत्री मोदी जी का लुम्बिनी पहुँचना और बुद्ध भगवान के विचार को “साझी संस्कृति, साझी आस्था और साझा प्रेम ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। ये पूंजी जितनी समृद्ध होगी, हम उतने ही प्रभावी ढंग से दुनियाभर में भगवान बुद्ध का संदेश पहुंचा सकते हैं।” 

जैसा वक्तव्य देना बड़े सारे पुराने विवादों को विराम देता है और भारत नेपाल के सम्बन्धों में नई ऊँचाइयों के आग़ाज़ की घोषणा करता है ! 🇮🇳🤝🇳🇵

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एसजेवीएन ने नेपाल में 490 मेगावाट अरुण-4 की एक और जलविद्युत परियोजना हासिल की


देहरादून:  16 मई,2022


नेपाल में 490 मेगावाट अरुण-4 जलविद्युत परियोजना के विकास के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा नेपाल के प्रधानमंत्री श्री शेर बहादुर देउबा की गरिमामयी उपस्थिति में लुंबिनी में हस्ताक्षरित हुआ है। इस ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन पर श्री नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन तथा श्री कुलमन घीसिंग, प्रबंध निदेशक, नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) ने हस्ताक्षर किए।


इस अवसर पर बोलते हुए श्री नन्द लाल शर्मा ने कहा कि 490 मेगावाट, अरुण-4 जल विद्युत परियोजना एसजेवीएन और नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) द्वारा संयुक्त उद्यम (जेवी) के रूप में विकसित की जाएगी और इस संयुक्त उद्यम में, एसजेवीएन की बहुमत हिस्सेदारी होगी । अरुण-3 एचईपी के अपस्ट्रीम में इस परियोजना का निर्माण इस संयुक्त उद्यम द्वारा किया जाएगा, जिसके पूरा होने पर प्रति वर्ष लगभग 2100 मिलियन यूनिट ऊर्जा का उत्पादन होगा। नेपाल के संखुवासभा जिला प्रांत-1 में स्थित इस परियोजना की अनुमानित विकास लागत 4900 करोड़ रुपये है। 


श्री शर्मा ने आगे इस बात पर जोर देते हुए कहा कि इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर, बिजली क्षेत्र में भारत-नेपाल संयुक्त विजन को प्राप्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा।


श्री शर्मा ने अवगत कराया कि, यह एसजेवीएन द्वारा नेपाल में निर्मित होने वाली तीसरी मेगा परियोजना होगी। इसके अलावा पहले से निर्माणाधीन 900 मेगावाट अरुण-3 और 669 मेगावाट लोअर अरुण की परियोजना सर्वेक्षण और जांच के चरण में है। इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ, एसजेवीएन के पास अब नेपाल में कुल 2059 मेगावाट की तीन परियोजनाएं हैं। श्री शर्मा ने 2030 तक नेपाल में 5000 मेगावाट की परियोजनाओं को लक्षित करने संबंधी एसजेवीएन के अपने संकल्प को दोहराया।


एकीकृत नदी बेसिन विकास दृष्टिकोण की मौ‍लिक अवधारणा श्री नन्द लाल शर्मा की है, जिसकी वकालत वह लंबे समय से करते आए हैं । श्री नन्द लाल शर्मा ने लंबे समय से विभिन्न राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपने इस दृष्टिकोण का पालन करने पर जोर दिया था।  परिणामस्वरूप नेपाल में भी  जलविद्युत परियोजनाओं के आबंटन के दौरान एक डेवलपर को, एकल नदी बेसिन में आबंटित किया गया । यह दृष्टिकोण जनशक्ति, बुनियादी ढांचे और वित्तीय संसाधनों के इष्टतम उपयोग को सक्षम बनाता है। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि इस नवीन अवधारणा को नेपाल सरकार के साथ-साथ भारत में भी हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश की राज्य सरकारों द्वारा स्वीकार किया गया है।


श्री शर्मा ने आगे कहा कि नेपाल में एसजेवीएन द्वारा विकसित की जा रही परियोजनाओं से समग्र विकास होगा और भारत और नेपाल में पारस्परिक आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इन परियोजना गतिविधियों से संबंधित ढांचागत विकास क्षेत्र का समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास भी सुनिश्चित होगा। नेपाल में इन तीन जलविद्युत परियोजनाओं के अलावा, एसजेवीएन बिजली की निकासी के लिए 217 किमी 400 केवी के संबद्ध पारेषण प्रणाली का निर्माण भी कर रहा है। 


श्री नन्द लाल शर्मा ने कहा कि “लगभग 31500 मेगावाट के कुल पोर्टफोलियो के साथ, एसजेवीएन के पास अब संचालन और विकास के विभिन्न चरणों के तहत 30 गीगावाट से अधिक क्षमता की विद्युत परियोजनाएं हैं। नई परियोजनाओं के क्षेत्र में ये वर्तमान अतिरिक्त एडिशन ही कंपनी को वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट की स्थापित क्षमता को साकार करने की दिशा में ले जा रहा है।


श्री नंद लाल शर्मा ने एसजेवीएन पर अपना विश्वास व्यक्त करने और अरुण 4 एचईपी के विकास कर्त्ता पर विचार करने के लिए दोनों राष्ट्रों के प्रधानमंत्रियों, विद्युत मंत्रालय और विदेश मंत्रालय , नेपाल में भारतीय दूतावास के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। 


नेपाल र भारतबीच ६ वटा समझदारी तथा सम्झौतापत्रमा हस्ताक्षर 

16 मई 2022 ,सोमवार

२ जेठ २०७९, सोमबार  


काठमाडौं- नेपाल र भारतबीच ६ वटा समझदारी (एमओयु) तथा सम्झौतापत्रमा हस्ताक्षर भएको छ ।


भारतीय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदीको लुम्बिनी भ्रमणको समयमा ती समझदारी तथा सम्झौतापत्रमा हस्ताक्षर भएको हो ।



प्रधानमन्त्री शेरबहादुर देउवा र भारतीय प्रधानमन्त्री मोदीको उपस्थितिमा सम्बन्धित देशका अधिकारीले ती समझदारी तथा सम्झौतापत्रमा हस्ताक्षर गरेका छन् ।


सोमबार बुद्धिस्ट अध्ययनको लागि डा. अम्बेडकर चेयर स्थापना गर्ने समझदारीपत्रमा लुम्बिनी बुद्धिस्ट युनिभर्सिटी र इन्डियन काउन्सिल अफ कल्चरल रिलेसन (आइसीसीआर) बीच हस्ताक्षर भएको छ ।


यस्तै, भारतीय अध्ययनको लागि आइसीसीआर चेयरको स्थापना सम्बन्धी समझदारीपत्रमा त्रिभुवन विश्वविद्यालय र आइसीसीआरबीच हस्ताक्षर भएको छ ।


भारतीय अध्ययनको लागि आइसीसीआर चेयरको स्थापना गर्ने सम्बन्धी समझदारीपत्रमा काठमाडौं विश्वविद्यालय र आइसीसीआरबीच हस्ताक्षर भएको छ ।


काठमाडौं विश्वविद्यालय र इन्डियन इन्स्टिच्युट अफ टेक्नोलोजी मद्रास (आइआइटि–एम)बीच एक समझदारीपत्रमा हस्ताक्षर भएको छ ।


सोमबार नै काठमाडौं विश्वविद्यालय र इन्डियन इन्स्टिच्युट अफ टेक्नोलोजी (आइआइटि) भारतबीच स्नातकोत्तर तहमा संयुक्त कार्यक्रम सञ्चालन गर्ने सम्बन्धी लेटर अफ एग्रिमेन्ट भएको छ ।


अरुण ४ आयोजनाको विकास र कार्यान्वयनका लागि भारतको विद्युत उत्पादक  सतलज र नेपाल विद्युत प्राधिकरणबीच सम्झौतापत्रमा हस्ताक्षर भएको छ ।


प्रकाशित मिति : २ जेठ २०७९, सोमबार  ४ : ५० बजे

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