राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव द्वारा रैट होल माइनिंग टीम के सदस्यों को अंगवस्त्र पहनाकर तथा उन्हें 1-1 लाख रुपये की धनराशि देकर सम्मानित किया जिन्होंने उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को निकाला

 



समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्री राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव द्वारा कल समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय, लखनऊ में जो उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को निकालने में जिन रैट होल माइनिंग टीम के सदस्यों को अंगवस्त्र पहनाकर तथा उन्हें 1-1 लाख रुपये की धनराशि देकर सम्मानित किया गया, उसकी चर्चा  उत्तराखण्ड में हो रही है। 

    लोग इस कार्य की प्रशंसा कर रहे हैं कि उत्तरकाशी की विपदा पर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने सकारात्मक रूख अपनाते हुए रैट माइनर्स के काम की सराहना की।

     उत्तराखण्ड में उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों सर्वश्री अंकुर कुमार, मोनू कुमार, नसीम, मो0 इरशाद, वकील हसन, जहूर हसन, फिरोज कुरैशी, मो0 रसीद, नसरूद्दीन, इरशाद, जतिन कश्यप, सौरभ कश्यप, मुन्ना और देवेन्द्र को जान बचाने के लिए बधाई और सम्मान दिया गया है।

    रैट होल माइनिंग टीम के लीडर श्री वकील हसन और श्री मुन्ना ने अखिलेश जी की प्रशंसा करते हुए कहा कि सुरंग में फंसे साथियों की जान बचाने पर उन्हें जितनी खुशी हुई थी उससे कहीं ज्यादा खुशी अखिलेश जी से मिलकर हुई है। हम सबने मिलकर काम किया था। टीम में हिन्दू-मुस्लिम सभी थे। उन्होंने कहा कि अखिलेश जी ने हमें जो सम्मान और प्रेम दिया है वह हमारे लिए सबसे बड़ी दौलत है। 

    समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के निर्देश पर 24 फरवरी 2021 को समाजवादी पार्टी उत्तराखण्ड की ओर से उत्तराखण्ड में ग्लेसियर फटने से मची भीषण तबाही में श्रीमती मंगसिरी देवी को 25 लोगों की जान बचाने के लिए सम्मानित किया गया और उन्हें समाजवादी पार्टी की ओर से 5 लाख रू0 की चेक भेंट किया गया।

    श्रीमती मंगसिरी देवी को चेक उत्तराखण्ड समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 सत्यनारायण सचान, उपाध्यक्ष श्रीमती आभा बड़थ्वाल द्वारा भेंट किया गया। इस अवसर पर श्रीमती मंगसिरी देवी का बेटा विजेन्द्र कैरिनी भी उनके साथ था। 

    श्री मंगसिरी देवी ने कहा कि हमारा परिवार राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी का आभारी है कि उन्होंने  उत्तराखण्ड में हमारा सम्मान बढ़ाया और हमारी मदद की। 

    इसके अतिरिक्त जब सन् 2013 में केदारनाथ में भयंकर आपदा में हजारों मौंते हुई थीं और तमाम लोग वहां फंस गए थे तब श्री अखिलेश यादव ने, जो उत्तर प्रदेश के उस समय मुख्यमंत्री थे, ने 16 जुलाई 2013 को 2 सौ बसों का बेड़ा तैनात किया था ताकि ऋषिकेश और देहरादून में फंसे लोगों को निकाला जा सके। तत्कालीन एडीएम सहारनपुर के साथ डॉ0 सचान को भी यहां राहत कार्य की देखरेख का जिम्मा सौंपा गया था। उन्होंने तब  उत्तराखण्ड सरकार को 25 करोड़ रू0 की मदद भी की थी।

    श्री अखिलेश यादव वस्तुतः उत्तराखण्ड में विकास के प्रति चिंतित रहते है। उनका मानना है कि उत्तराखण्ड में कोई भी परियोजना पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के अध्ययन के बाद ही लागू होनी चाहिए। उत्तराखण्ड के पहाड़ कच्चे संवेदनशील और नए है। ऋषिकेश, कर्ण प्रयाग के बीच बन रही रेल लाइन के प्रति भी तमाम आशंकाएं हैं।

    श्री अखिलेश यादव ने उत्तराखण्ड में पर्यावरण की अनदेखी कर विकास के नाम पर विनाशपरक योजनाएं चलाने का विरोध किया और कहा कि सुरंग निर्माण में जो अनियमितता बरती गई उससे 41 श्रमिकों की जिंदगी दांव पर लग गई थी। यहां मानव श्रम के साथ लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए।

          (राजेन्द्र चौधरी)

            मुख्य प्रवक्ता

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