उत्तराखंड में अब पांचवीं और आठवीं कक्षा में छात्र-छात्राओं को पास करने की बाध्यता खत्म कर दी गई है
उत्तराखंड में अब पांचवीं और आठवीं कक्षा में छात्र-छात्राओं को पास करने की बाध्यता खत्म कर दी गई है। फेल होने पर छात्रों को तैयारी के लिए दो माह का मौका दिया जाएगा। इसके बावजूद पास न होने पर इसी कक्षा में रोक दिया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया। फैसले की जानकारी देते कैबिनेट मंत्री व सरकारी प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि सरकार ने उत्तराखंड निशुल्क अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियमावली में यह संशोधन किया है। केंद्र सरकार पहले ही इसमें संशोधन कर चुकी है। कौशिक ने बताया कि पांचवीं और आठवीं कक्षा में अब यदि कोई छात्र-छात्राएं पास नहीं हो पाते हैं तो उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी के मार्फत तैयारी के लिए दो माह का मौका दिया जाएगा। यदि तब भी वे पास नहीं हो पाते तो उन्हें उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा।